कवि सम्मेलन मनोरंजन के साथ साथ साहित्य, संस्कृति और समाज की भी बात करता हैं। ऐसा ही एक विशुद्ध कवि सम्मेलन सालों से फाइन आर्ट्स सोसाइटी हाल, चैंबूर, मुम्बई में होते आ रहा हैं। पूरा हाल सुनने वालों से खचाखच भरा था। क्योंकि इस बार हिंदी कवि सम्मेलन मंचो के एक से बढ़ कर एक धुरंदर कवि इस मंच पर मौजूद थे।
इस बार कवि सम्मेलन का संचालन किया सुप्रसिद्ध कवयित्री कीर्ति काले ने। कीर्ति काले एक बेहतरीन गीतकारा के साथ साथ ही लाजवाब मंच संचालन भी करती हैं।
इस अनूठे कवि सम्मेलन की शुरुआत ही पद्मश्री से सम्मानित हास्य व्यंग्य कवि सुनील जोगी ने की और अपने लोकप्रिय हास्य गीत “मुश्किल हैं अपना मेल प्रिये, ये प्यार नहीं है खेल प्रिये” पर लोगो को झूमा दिया।
डॉ. विष्णु सक्सेना ने अपने प्यार भरे मुक्तकों और श्रृंगार के गीतों से सबको आनंदित किया।
कवि सुरेंद्र दुबे और माणिक वर्मा के बाद कवि सम्मेलन अपने पूरे रंग में था लेकिन जब डॉ. हरिओम पंवार को माइक पर आये और कविता पाठ शुरू किया तो उनकी एक एक पंक्ति पर तालिया गूंज उठती थी।
फिर कविता सुनाना के लिए माइक पर कवि सुरेंद्र शर्मा को बुलाया गया कवि सुरेंद्र शर्मा ने अपनी “चार लाइना” सुना सुना कर इतना हँसाया की लोगो के पेट मे दर्द होने लगा, कवि सम्मेलन को 4 घंटे बीत चुके थे, लेकिन हाल में से एक भी सीट खाली नहीं हुई थी, और अब बारी थी कवियों के गुरु सत्यनारायण सत्तन की। उन्होंने अपनी 1 घंटे से भी लंबी पारी में कभी हास्य कभी वीर रस और कभी सम्वेदनाओं से भरी कविता सुना कर लोगो को भावुक भी कर दिया। कवि सम्मेलन की अध्यक्षता की मशहूर शायर उदयप्रताप सिंह ने।

कवि सम्मेलन मनोरंजन के साथ साथ साहित्य, संस्कृति और समाज की भी बात करता हैं। ऐसा ही एक विशुद्ध कवि सम्मेलन सालों से फाइन आर्ट्स सोसाइटी हाल, चैंबूर, मुम्बई में होते आ रहा हैं। पूरा हाल सुनने वालों से खचाखच भरा था। क्योंकि इस बार हिंदी कवि सम्मेलन मंचो के एक से बढ़ कर एक […]